विवरण:
श्री खेतेश्वर भवन (हॉल एवं धर्मशाला), आसोतरा
पद का नाम: | कंप्यूटर ओपेरटर |
योग्यता: | BCA, MCA, PGDCA, Bsc IT या कोई अन्य कंप्यूटर डिग्री/प्रमाणपत्र। |
अनुभव: | 2 से 5 वर्ष |
संपर्क: | श्री रामसिंहजी मोटूसिंहजी राजपुरोहित (+91 98294 64887) |
(दिनांक 11 व 12 फरवरी 2018)
श्री ब्रह्मधाम आसोतरा पर राजपुरोहित समाज के अनंत श्री विभूषित ब्रह्मषि ब्रह्माचार्य ब्रह्मा सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर सद्गुरूदेव श्री तुलछारामजी महाराज गादीपति श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थं आसोतरा एवं अध्यक्ष श्री ब्रह्माजी का मन्दिर एवं राजपुरोहित समाज न्यास आसोतरा, महामण्डलेश्वर पूज्य श्री निर्मलदासजी महाराज, ब्रह्माचारी पूज्य श्री शंकरस्वरूपजी महाराज सांथू, पूज्य श्री सत्यानन्दजी महाराज गादीपति रविधाम, पूज्य श्री बालकदासजी महाराज, पूज्य श्री संत चेतनानन्दजी सरस्वती डण्डाली, पूज्य वेदान्ताचार्य डाॅ. ध्यानारामजी महाराज, पूज्य श्री परशानन्दजी महाराज जोडमठ, दण्डीस्वामी पूज्य श्री देवानन्दजी सरस्वती कालिन्द्री आदि सन्तजनों के पावन सान्निध्य में समाज के प्रबुद्धजन एवं ग्रामवार चयनित प्रतिनिधि सदस्यों की उपस्थिति में गहन चिन्तन, मनन एवं विचार के उपरान्त समाज हित में सर्वसहमति से निम्नानुसार निर्णय लिये गये जो कि इस प्रकार है –
समाज के किसी भी कार्यक्रम, समारोह एवं सभा में जाजम पर या अलग से कमरे आदि में जाकर अफीम, डोडा का सेवन करना पूर्णतया प्रतिबन्धित रहेगा।
राजपुरोहित समाज की हमारी उच्च सांस्कृतिक परम्पराऐं, मर्यादाऐ, अनुशासन एवं जो हमारा जीवन दर्शन रहा है। समाज में रहते हुए कोई भी व्यक्ति यदि इन परम्पराओं के विरूद्ध आचरण करता है जिससे हमारी सामाजिक एकता, समरसता एवं मर्यादाओं को आंच आती है ऐसे व्यक्ति जो समाज की जरूरत नहीं समझता, राजपुरोहित समाज ऐसे कृत्यों की कड़े शब्दों में भत्र्सना करता है और समाज में ऐसे लोगों की कोई जरूरत नहीं है।
समाज के किसी क्षेत्र, पट्टी, परगनों में पहले से ही सुधार के जो प्रयास किये जा चुके है जैसे मृत्युभोज में जहां मिष्ठान, नशावृत्ति, दहेज दिखावा, ओढोमणियों और भी कृरीतियों को बन्द कर दी गई है उनके प्रयास सराहनीय है। समाज उनका अनुसरण करने की चेष्टा करेंगा।
पूज्य श्री गुरू महाराज एवं सन्तवृदों के सान्निध्य में हमारे आराध्य श्री खेतेश्वर भगवान को साक्षी मानते हुए इस महा अधिवेशन में दिए गए निर्णयों की अनुपालना सुनिश्चित हो इसके लिए समाज के हर आम और खास व्यक्ति का यह परम कत्र्तव्य बनता है कि इस सुधारों का स्वंय अनुसरण करें।